- राजकीय सम्मान के साथ चरित्रवन श्मशान घाट में किया गया अंतिम संस्कार.
- भाजपा नेता सतेंद्र कुमार समेत कई लोगों ने अर्पित की श्रद्धांजलि.
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: सिमरी थाना क्षेत्र के डुमरी गांव के मिट्टी के लाल तथा सेना के जवान का 26 जुलाई की संध्या हार्ट अटैक से मौत हो जाने की सूचना जैसे ही परिजनों को मिला दिवंगत जवान के घर में कोहराम मच गया. जब दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर गांव की धरती पर पहुंचा तो परिजनों समेत पूरे गांव में मातमी सन्नाटा फैल गया. किसी को सहसा यकीन ही नहीं हो रहा था कि 20 तारीख को उनके मिट्टी का लाल जो उन लोगों से पुनः छुट्टी में आने की बात कह कर गए थे. अब वो उन लोगों के बीच नही रहे. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार जवान बीएसएफ में कार्यरत थे तथा ड्यूटी के दौरान ही हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई थी.
परिजनों ने आगे बताया कि ददन कुंवर (50 वर्ष) गुवाहाटी से 250 किलोमीटर दूर आलमगंज में कार्यरत थे. 26 जुलाई की संध्या उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. मृत जवान के शव को लेकर बक्सर जिले के डुमरी गांव पहुंचे बीएसएफ के मेजर एवं जवान ने बताया कि 26 जुलाई को 9:00 बजे खाना खाने के पश्चात सभी जवान अपने बैरक में जाकर अपने अपने बेड पर आराम कर रहे थे. संध्या के समय तकरीबन 4:00 बजे दिवंगत जवान अपने बेड पर बैठे थे. अचानक ही दिवंगत जवान बेड पर लुढ़क गए तथा उनकी सांसे तेज गति से चलने लगी. जिसके पश्चात बैरक में मौजूद अन्य जवान एवं अन्य पदाधिकारी दिवंगत जवान को लेकर भागे भागे सैन्य अस्पताल में पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. दिवंगत बीएसएफ जवान अपने पीछे पत्नी तथा दो बच्चों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए है. पुत्र आनंद कुमार की उम्र 20 वर्ष है और पुत्री मधु कुमारी की उम्र 18 वर्ष है. शव आने की सूचना मिलते ही भाजपा नेता सत्येंद्र कुंवर पहुंचे और शव को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. बाद में दिवंगत सैनिक का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए बक्सर के चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर किया गया.
दिवंगत जवान के शव को लेकर बक्सर पहुंचे बीएसएफ के मेजर ने बताया कि दिवंगत जवान बहुत ही मिलनसार स्वभाव के थे तथा सादगी भरी जीवन जीते थे. हर किसी की मदद करना तथा मातृभूमि की की रक्षा में पूरी निष्ठा एवं लगन से समर्पित थे. वहीं, भाजपा नेता सतेंद्र कुमार ने बताया कि दिवंगत जवान अपने समाज एवं परिवार के विकास में भी हरसंभव समर्पित हैं. बीते 20 तारीख को छुट्टी बिताने के पश्चात वो गांव से गुवाहाटी से 250 किलोमीटर दूर आलमगंज गए थे. जहां वह कार्यरत थे. उन्होंने बताया कि गांव में भी दिवंगत जवान हर किसी के सहयोग में सदैव अग्रणी भूमिका निभाते थे. पूरा गांव इस घटना के पश्चात दुखी है. सहसा गांव वालों को यह यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके मिट्टी का लाल जो सरहद पर मातृभूमि की रक्षा के लिए तैनात थे. वो अब उन लोगों के बीच नहीं रहें. पूरे गांव में दिवंगत जवान के शव के पहुंचने के पश्चात मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.
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