एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: सिकरौल थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव में गोलीबारी एवं मारपीट की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस के ऊपर असामाजिक तत्वों के द्वारा हमला करने का मामला प्रकाश में आया है. साथ ही साथ एक सहायक अवर निरीक्षक को कैद कर उनके साथ मारपीट करने का भी मामला प्रकाश में आया है. मामले में मिली जानकारी के अनुसार सिकरौल थाना क्षेत्र की पुलिस को संजय चौधरी नामक एक व्यक्ति के द्वारा पहाड़पुर गांव में मारपीट के दौरान गोलीबारी की घटना में 6 लोगों के घायल हो जाने की सूचना दी गई. सूचना को आधार मान मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना स्थल पर पहुंची.
जहां पुलिस को सूचना देने वाला संजय चौधरी पहले से मौजूद था. जब पुलिस के द्वारा पूछा गया कि कहां पर गोली चला है और कौन घायल है तो सूचना देने वाले व्यक्ति के द्वारा गोलीबारी एवं घायलों की जानकारी ना देकर उल्टे पुलिस से अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाना शुरू कर दिया गया. संजय चौधरी नामक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि गांव के जगदंबा सिंह के द्वारा उसके साथ मारपीट की गई है एवं गोलीबारी की गई है. संजय चौधरी के द्वारा जगदंबा सिंह के द्वारा मारपीट करने की बात कहते हुए पुलिस से यह सवाल पूछा जाना शुरू कर दिया कि जगदंबा सिंह ने हमको क्यों मारा. जिस पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष आलोक रंजन ने संजय चौधरी से कहा कि यह बात तो आप ही बताएंगे कि जगदंबा सिंह के द्वारा आपके साथ मारपीट क्यों की गई. उसके बाद भी संजय चौधरी पुलिस से यही सवाल दोहराया कि जगदंबा सिंह के द्वारा हमको क्यों मारा गया. थानाध्यक्ष ने कहा लिखित आवेदन दीजिए या पुलिस को बयान दीजिए. आपके लिखित आवेदन या बयान के आधार पर जगदंबा सिंह को गिरफ्तार कर पूछा जाएगा कि जगदंबा सिंह ने आपको क्यों मारा. जिसके बाद संजय चौधरी पुलिस के ऊपर रौब झाड़ने लगा.
इन सब बातों के बीच में पुलिस को पूर्व में शराब बरामदगी मामले में जेल गया एक युवक प्रशांत कुमार दिखा. पूर्व में शराब बरामदगी मामले में जेल गए युवक को थानाध्यक्ष ने बुला कर युवक से पूछना शुरू किया कि क्या वह अब शराब के अवैध धंधे को छोड़ चुका है. थानाध्यक्ष के द्वारा प्रशांत को बुलाकर पूछताछ करते हुए देख संजय चौधरी थानाध्यक्ष से उलझ गया और उनसे अभद्रता पूर्ण व्यवहार करते हुए कहा कि आप होते कौन है इससे पूछताछ करने वाले एवं अभद्र बातें करते हुए अन्य लोगों को पुलिस को मारने के लिए ललकारने लगा. जिस पर स्थानीय कुछ लोगों के द्वारा संजय चौधरी के द्वारा कहे जाने पर पुलिस के ऊपर ईट पत्थर चलाना शुरु कर दिया गया. जिसमें सैप के एक जवान समेत अन्य पुलिसकर्मी आंशिक रूप से घायल हो गए. पुलिस के ऊपर ईट पत्थर चलाए जाने के बाद थानाध्यक्ष के द्वारा पुलिस के जवानों के मदद से संजय चौधरी को गिरफ्तार कर लिया. संजय चौधरी को गिरफ्तार करने के बाद थानाध्यक्ष ने सहायक अवर निरीक्षक अशोक यादव को गिरफ्तार अभियुक्त को गाड़ी में बैठाने के लिए भेजा गया. लेकिन, रास्ते में ही संजय चौधरी के पुत्र एवं भाई ने मिलकर अभियुक्त को छुड़ा लिया साथ ही साथ सहायक अवर निरीक्षक अशोक यादव को घर में कैद कर पिटाई की गई. सहायक अवर निरीक्षक के पिटाई के पश्चात आरोपितों ने उन्हें घर में कैद कर दिया एवं बाहर से दरवाजा बंद कर भाग गए. इस घटना के बाद पुलिस के द्वारा गांव में छापेमारी कर इस मामले में रंजय चौधरी समेत अन्य तीन चार लोगों की गिरफ्तारी की गई है. साथ ही साथ पुलिस के द्वारा इस मामले में पूर्व सरपंच की भी तलाश की जा रही है. जो कि अभी पुलिस के पकड़ से बाहर है.
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