मातृभाषा दिवस पर रविवार को आयोजित होगा भोजपुरी के दिशा एवं दशा विषय पर सेमिनार सम्मिलित होंगे साहित्यकार, कवि एवं अन्य..
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: विश्व मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को पूरे दुनिया में मनाया जाता है. किसी की भी मातृभाषा कोई भी हो उसका विकास संवर्धन तथा संरक्षण बहुत आवश्यक है. क्योंकि इसमें हमारी मातृभाषा की मौलिक अधिकार बनी रहती है और हमारी अपनी मातृभाषा के प्रति जुड़ाव बरकरार रहती है. हमारी मातृभाषा भोजपुरी है. इसकी दुर्गति सामाजिक राजनीतिक एवं शैक्षिक स्तर पर इसकी उपेक्षा से उत्पन्न हुई है. हमारे प्रधानमंत्री भोजपुरी मुहावरे का प्रयोग अपने भाषण को धार देने के लिए तो करते हैं. किंतु जब इस भाषा को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल करने की बात आती है तो उसे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं.
देश के भोजपुरी की सबसे पुरानी रजिस्टर्ड एवं सक्रिय संस्था के महासचिव साहित्यकार डॉ. अरुण मोहन भारवि एवं अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी के अनुसार भोजपुरी उत्तर भारत के पूर्वोत्तर में बहुसंख्यक जनों द्वारा बोली जाती है. इस बोली की मिठास का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब दो जन आपस में लड़ते हैं तो भी दूसरे को लगता है कि वह प्रेम कर रहे हैं. इस भाषा को बोलकर सुनकर लोग ठीक वैसे ही खुश हुआ करते हैं जैसे एक जमाने में भोज में पूड़ी खाकर लोग खुश होते थे. क्योंकि घरों में तब पूड़ी पकवान व निश्चित अवसरों की पहचान होती थी. भोजपुरी एक समृद्ध भाषा है. अंतरराष्ट्रीय भाषा है. इसका प्रसार प्रचार विदेशों तक है. इस भाषा में कबीर दास, राहुल सांकृत्यायन,शिवपूजन सहाय, रघुवीर नारायण,मनोरंजन, भिखारी ठाकुर, मोती वीरपुर, किरण रामविचार पांडे, महेंद्र मिश्रा, भोलानाथ गहमरी, विमलानंद सरस्वती आदि ऐसे महान रचनाकार कवि हुए हैं. जिन्होंने इसे सजाने संवारने में अपना पूरा जीवन लगा दिया. यह हमारा दुर्भाग्य और इस भाषा की त्रासदी है कि मूर्ख, स्वार्थी एवं लोभी तथा निहित स्वार्थी कथित कवि गायकों के कारण इस पर अश्लीलता का ठप्पा लगता जा रहा है. विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर 21 फरवरी को भोजपुरी साहित्य मंडल के बैनर तले 1:00 बजे दिन से आर्या अकेडमी बक्सर के सभागार में इस भाषा की दिशा एवं दशा पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया है. जिसमें इस भाषा से जुड़े विख्यात साहित्यकार, कवि समालोचक, अपनी बेबाक राय रखेंगे. ऐसी जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भोजपुरी साहित्य मंडल के महासचिव एवं अध्यक्ष डॉ. अरुण मोहन भारवी एवं अनिल कुमार त्रिवेदी के द्वारा दिया गया है.
Comments
Post a Comment