- गंभीर लक्षणों की पहचान कर चिकित्सकों से मिलने की दी जाती है सलाह.
- उच्च रक्तचाप की पहचान कर एएनएम अब लोगों को कर रही हैं जागरूक.
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कई स्तरों पर कार्य किया जा रहा है. इसी कड़ी में केयर इंडिया के सहयोग से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नर्सों को प्रशिक्षित कर उनके क्षमतावर्धन में सहयोग कर रहा है. साथ ही, उन्हें तकनीकी बारीकियों से भी अवगत कराया जा रहा है. इससे नर्सों को अस्पताल के विभिन्न वार्डों के संचालन में मदद भी मिल रही है. केयर इंडिया के द्वारा चिन्हित नर्सों को डीएमटी (डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिग टीम) आउटरिच व फैसिलिटी के विभिन्न मॉड्यूल पर प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसके बाद मेंटर नर्स अपने अपने संबन्धित प्रखंडों में विभिन्न एएनएम को प्रशिक्षण देती है. गत दिनों जिला व प्रखंड स्तर पर हाइपर टेंशन मॉड्यूल पर प्रशिक्षण दिया गया था. जिसके बाद पीएचसी के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित होने वाले आरोग्य दिवस के दौरान हाइपर टेंशन की जांच में न केवल बढ़ोत्तरी हुई है, बल्कि लोगों में हाइपर टेंशन के प्रति जागरूकता भी आई है.
गम्भीर लक्षणों की पहचान हुई आसान :
सदर प्रखंड में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एएनएम गीता कुमारी डीएमटी की मेंटर नर्स की ट्रेनिंग में हिस्सा ले चुकी है. गीता कुमारी ने बताया केयर इंडिया के सदस्यों के द्वारा जो प्रशिक्षण दिया जाता है, उससे उन्हें बहुत कुछ नई चीजों की जानकारी हुई है. बीते दिनों हुए प्रशिक्षण के संबंध में उन्होंने बताया कि पूर्व में आरोग्य दिवस के अवसर पर गर्भवतियों की हाइपर टेंशन की जांच में वह केवल लाभार्थियों की रक्तचाप जांच कर उन्हें संबंधित चिकित्सा से मिलने की सलाह देती थी. लेकिन, हाइपर टेंशन के मॉड्यूल का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अब वह स्वयं गंभीर लक्षणों की पहचान कर लोगों को इसके खतरे से अवगत कराती हैं. साथ ही, अब वह लोगों को हाइपर टेंशन की विभिन्न खतरों व उसके निदान के संबंध में भी जानकारी देती हैं.
अब जांच के दौरान नहीं होती है परेशानी :
मेंटर नर्सों के द्वारा प्रखंड स्तर पर भी प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें प्रखंड की सभी एएनएम शामिल होती है. हाइपर टेंशन मॉड्यूल का प्रशिक्षण ले चुकी सदर प्रखंड की एएनएम बबिता कुमारी ने बताया कि केयर इंडिया के द्वारा प्रशिक्षण में शामिल होने के बाद आउटरीच की ट्रेनिंग में सभी चीजों की बारीकियों, उनकी बाधाओं व उसके निदान की सारी जानकारी दी जाती है. पहले तो इसके विषय मे पूरी जानकारी दी जाती है. उसके बाद एक एक कर सभी से प्रैक्टिकल भी कराया जाता है. यदि किसी को कोई परेशानी होती है, तो उसका निदान तत्काल किया जाता है. ताकि, फील्ड में कोई परेशानी न हो. उन्होंने बताया पूर्व में रक्तचाप जांच के दौरान कुछ कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था. लेकिन, प्रशिक्षण के बाद अब कोई परेशानी नहीं होती.
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