अब युक्ति की मदद से मातृ मृत्यु दर में लाई जा सकेगी कमी, जिले के निजी चिकित्सा संस्थानों की निगरानी व जांच के लिए बनाई गई है कमेटी..
- स्वास्थ्य संस्थानों में निशुल्क सुरक्षित गर्भपात की व्यवस्था उपलब्ध कराई गयी है.
- अधिकृत स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा अपेक्षित दस्तावेज व केस का विवरण जमा करने पर शुल्क प्रदान करेगी.
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के साथ परिवार नियोजन के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद भी कुछ कमियां शेष रह जाती है. इन कमियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने ‘युक्ति-सुरक्षित गर्भपात की ओर’ योजना शुरू की. जिसका दूसरा संस्करण सख्ती से लागू कराने के लिए मातृ-स्वास्थ्य की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सरिता ने सिविल सर्जन और अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र लिख कर दिशा-निर्देश दिए हैं. जिसका उद्देश्य सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देते हुए मातृ मृत्यु दर में कमी लाना है. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति असुरक्षित गर्भपात से होने वाली मातृ मृत्यु दर को कम करने की दिशा में युक्ति योजना कार्यक्रम को धरातल पर उतारने की कवायद में जुट गई है. योजना के तहत निजी स्वास्थ्य संस्थानों की जांच पड़ताल करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है. जिसके बाद युक्ति योजना क्लिनिक की मान्यता दी जाएगी. जहां पर इच्छुक महिलाओं का सुरक्षित गर्भपात कराया जा सकेगा.
असुरक्षित गर्भपात की समस्या होगी दूर :
प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सीडीओ डॉ. नरेश कुमार ने बताया मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सबसे पहले दो चीजों का होना आवश्यक है. पहला सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देना और दूसरा असुरक्षित गर्भपात की समस्या को दूर करना. जिसके लिए युक्ति योजना कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. ताकि, आवश्यकता पड़ने पर अनचाहे गर्भ से मुक्ति दिलाने के लिए गर्भपात के दौरान महिलाओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े. इस योजना के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में निशुल्क सुरक्षित गर्भपात की व्यवस्था उपलब्ध कराई गयी है. उन्होंने कहा एक ओर जहां यह योजना से सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिलेगा, वहीं सुरक्षित गर्भपात सुनिश्चित कराते हुए मातृ मृत्यु दर को कम करने में सहायक होगी.
प्रथम तिमाही तक के गर्भपात के लिए ही किया जाएगा अधिकृत :
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया महिलाओं में समय रहते गर्भपात संबंधी निर्णय लेने तथा यदि आवश्यकता है तो फिर तिमाही में ही गर्भपात कराने के लिए योजना के तहत आधिकारिक मान्यता वाले युक्ति योजना क्लिनिक को केवल प्रथम तिमाही तक के गर्भपात के लिए ही अधिकृत किया जाएगा. वहीं, राज्य सरकार इन अधिकृत स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा अपेक्षित दस्तावेज व केस का विवरण जमा करने पर हर मामलों के आधार पर शुल्क प्रदान करेगी. इस शुल्क की दर में दवाइयों का मूल्य, अन्य वस्तुएं का मूल्य, अन्य लागत व सेवा प्रदाता का शुल्क शामिल होगा. जहां भी संभव होगा, निजी स्वास्थ्य केंद्र, महिला के साथ आने वाली सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता) को आवागमन का खर्च भी देंगे.
युक्ति योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाएं :
- प्रथम तिमाही तक की गर्भपात सेवाएं.
- अपूर्ण गर्भपात के मामलों का इलाज करना.
- गर्भपात की जटिलताओं का इलाज व आवश्यकता पड़ने पर रेफरल प्रदान (महिला की हालत को स्थिर करने के बाद).
- दूसरी तिमाही के गर्भपात के लिए रेफर करना.
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