एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: समाहरणालय के सभागार कक्ष में जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता में अभिभावकों के प्रतिनिधिमंडल तथा विद्यालयों के प्रबंधन के बीच शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कोरोना काल में अभिभावकों को केवल विद्यालय के शिक्षण शुल्क का भुगतान करना होगा. इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार का कोई शुल्क देय नहीं होगा.
उक्त बैठक में बताया गया कि कोरोना काल अर्थात अप्रैल 2020 से 31 दिसंबर 2020 की अवधि में सभी विद्यालय केवल अध्यापन शुल्क ही लेंगे, जिसे 31 दिसंबर 2020 तक किस्तों में दिया जा सकता है. अप्रैल 2020 से पहले के बाद के बकाया शुल्क को 30 सितंबर 2020 तक हर हाल में जमा करना है, जिसमें ट्यूशन एवं अन्य सभी शुल्क शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त नवंबर 2020 तक के शिक्षण शुल्क तीन किस्तों में जमा किए जा सकते हैं. जिसमें पहले चरण में अप्रैल 2020 से 1 मई 2020 का शिक्षण शुल्क 30 सितंबर 2020 तक जमा करना होगा. दूसरे चरण में जून 2020 एवं जुलाई 2020 का शिक्षण शुल्क 30 नवंबर तक जमा कर देना होगा. इसके अतिरिक्त तीसरे चरण में अगस्त, सितंबर, अक्टूबर तथा नवंबर का शिक्षण शुल्क 31 दिसंबर तक जमा करना होगा.
इसके साथ ही यह आम सहमति भी बनी कि जनवरी 2021 से शिक्षण शुल्क का भुगतान नियमित रूप से किया जाएगा एवं मार्च 2021 तक सत्रांत का शुल्क अगली कक्षा में प्रोन्नति के पूर्व अवश्य जमा करना होगा. बैठक के दौरान यह कहा गया कि यदि कक्षाएं सामान्य रूप से संचालित होती है तो ऐसी स्थिति में विज्ञान, कंप्यूटर एवं वाहन शुल्क भी देय होगा. मौके पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजेंद्र चौधरी एवं सर्व शिक्षा अभियान के शाहनवाज़ अहमद मौजूद रहे. स्कूल एसोसिएशन की तरफ से डॉ मोहन चौबे, राजेय जायसवल, दयाशंकर सिंह, रमेश सिंह, सरोज सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे.
अभिभावक संघर्ष मोर्चा के तरफ से मुख्य सदस्य के रूप में डॉ. निसार अहमद, देवेंद्र सिंह, राजेश सिंह, सुभाष राय, संगीता कुमारी, अनु सिंह, सरिता सिंह, नीलू कुमारी, अनिता कुमारी समेत कई लोग मौजूद रहेंगे. बता दें कि, अभिभावक संघर्ष मोर्चा के द्वारा विद्यालयों द्वारा शुल्क लिए जाने के विरोध में एक धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला पदाधिकारी ने बैठक कर मामला सुलझाने का प्रस्ताव दिया था.
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