- 11 अक्टूबर से शुरू होगा ‘दो बूंद जिंदगी की’ अभियान,कार्यक्रम को सफल बनाने को माइक्रोप्लान तैयार
- अभियान के दौरान को कोविड-19 के सभी स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करने का दिया गया निर्देश
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: पूरे जिले में 11 अक्टूबर से पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की जाएगी, जो 15 अक्टूबर तक चलेगा. इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने पूरी तैयारी कर ली है. अभियान के दौरान नौनिहालों को ‘दो बूंद जिंदगी की’ यानि पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी. इस वर्ष भी जिले के 2. 59 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माइक्रोप्लान अंतिम चरण में है. जिले में पोलियो अभियान पांच दिनों तक चलेगा. इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को दायित्व सौंपा गया है. स्वास्थ्यकर्मियों की टीम की देखरेख के लिए सुपरवाइजर को भी लगाया जाएगा. पल्स पोलियो अभियान को प्रचार-प्रचार के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाएगा.
बच्चों में पोलियो से लड़ने की क्षमता बढ़ती है :
डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया पोलियो की खुराक पिलाने से पांच वर्ष तक के उम्र के सभी बच्चों में पोलियो से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है. पोलियो की खुराक लेने के बाद इसके विषाणुओं को बच्चों के शरीर में पनपने की जगह नहीं मिलेगी, जिससे पोलियो का खात्मा हो जायेगा. यह खुराक नवजात शिशु को भी पिलानी जरूरी है. निश्चिंत होकर अपने नवजात शिशु को पोलियो की खुराक दिलाएं, क्योंकि इससे किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. यह बच्चों के लिए अमृत से कम नहीं है। हर नागरिक केवल अपने बच्चों को दवा पिलाए, बल्कि अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें.
आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविकाओं को दी गई जिम्मेदारी :
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो का ड्रॉप पिलाएंगी. इस दौरान सभी स्वास्थ्यकर्मी मास्क और ग्लव्स पहनकर जाएंगी. इसे लेकर सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी अपने स्तर से सभी टीका कर्मियों को यह जानकारी देंगे. कोरोना वायरस के संक्रमण प्रसार के खतरे को देखते हुए सावधानी बरती जा रही है. अभियान में कोविड-19 के सभी स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. शारीरिक दूरी का पालन कर ही बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी. इसके लिए सभी आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को निर्देश दिया गया है कि बच्चों को खुराक देने के दौरान कोई भी बच्चों को स्पर्श नहीं करेंगी. दूर से ही बच्चों को ड्रॉप पिलानी है. इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि बच्चे मां की गोद में ही रहें.यदि बच्चा बड़ा है और 5 साल का है तो उसे भी दूर से पोलियो का ड्रॉप पिलाएंगी.
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