- पोषण माह में अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीयस्तर पर सम्मानित हो चुकी हैं सिमरी CDPO.
- सफालतापूर्वक कार्य निष्पादन के लिए सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकों के लिए बनाती है कार्ययोजना.
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: महात्मा गांधी ने एक बात कही थी ‘गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती. वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है. उसकी खुशबू ही उसका संदेश है. कुछ ऐसा ही संदेश सिमरी प्रखंड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) संगीता कुमारी अपने नेतृत्व क्षमता और कार्यों से लोगों को दे रही हैं. उनके परियोजना में सभी पर्यवेक्षिकाएं, सेविका व सहायिकाओं के बीच का समन्वय ऐसा रहता है कि सभी योजनाओं के कार्यान्वयन में सिमरी प्रखंड अन्य प्रखंडों के मुकाबले कई मामलों में आगे रहा है. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पोषण मिशन 2018 के तहत सितंबर माह में चलाए गए पोषण माह के अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा सीडीपीओ संगीता कुमारी को प्रखंड स्तरीय लीडरशिप अवार्ड दिया गया था. खास बात यह थी कि इसके लिए बिहार से सिर्फ दो सीडीपीओ का ही चयन हुआ था.
किसी भी कार्य को पूरा करने की जिज्ञासा ही है सफलता कुंजी :
सीडीपीओ संगीता कुमारी ने बताया, किसी भी अभियान व कार्य को पूरा करने के लिए वह उस विषय पर गहनता से योजना बनाती हैं. कार्यान्वयन में कहीं कोई बाधा उत्पन्न होती है तो उसकी समीक्षा कर उसे जल्द से जल्द दूर करने की दिशा में काम करती हैं. जिसकी बदौलत आज सिमरी परियोजना में लाभार्थी मातृ-शिशु पोषण, बाल पोषण, किशोरी स्वास्थ्य समेत अन्य योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ ले रही हैं. हर अभियान के तहत उनकी जिज्ञासा ही उनकी सफलता की कुंजी है. वह कहती हैं, शरुआत में उन्होंने परियोजना क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी की समस्याओं व उनके कार्यों के आधार पर वर्गीकृत किया. उसके बाद योजनाबद्ध तरीके से उन समस्याओं को दूर करने में परियोजना के अन्य अधिकारियों व कर्मियों को लगाया। जहां जरूरत होती वह स्वयं जाकर काम करती.
जनप्रतिनिधियों की सहभागिता बढ़ाकर जनआंदोलन पर लगाया ध्यान :
समेकित बाल विकास परियाजना के तहत पिछले वर्ष भी सितंबर माह में राष्ट्रीय पोषण अभियान चलाया गया था, जिसमें सिमरी सीडीपीओ ने पोषण अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता बढ़ाई. जिसका नतीजा हुआ कि परियोजना क्षेत्र में पोषण अभियान के तहत जनांदोलन को स्वरुप देने में मदद मिली. गांव, पंचायत व परियोजना स्तर पर लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और प्रखंड से कुपोषण को पूरी तरह समाप्त करने की शपथ ली. उस दौरान तत्कालीन डीएम राघवेंद्र सिंह ने पोषण माह के दौरान आयोजित पोषण मेले में सीडीपीओ के कार्यों की सराहना भी की थी.
कई बार हो चुकी हैं सम्मानित :
आईसीडीएस के जिला समन्वयक महेंद्र कुमार ने बताया सिमरी सीडीपीओ संगीता कुमारी न केवल बाल विकास परियोजना के तहत चलने वाले कार्यों में बेहतर रही हैं, अपितु ओडीएफ अभियान व चुनाव संबंधी कार्यों व अभियान में भी इनकी भूमिका सराहनीय रही है. पिछले वर्ष लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान उत्कृष्ट कार्य संपादन करने के लिए व दायित्वों के निर्वहन के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया था. इसके पूर्व दो वर्ष पूर्व जिले में चलाए जा रहे ओडीएफ अभियान में उन्होंने व उनकी टीम ने सर्वोत्तम कार्य किया था. जिसके लिए उनको सम्मानित किया गया था.
किसी समस्या के निदान के लिए लेती हैं सबसे राय :
सिमरी प्रखंड की प्रखंड प्रमुख(जन-प्रतिनिधि) प्रियंका पाठक ने बताया सीडीपीओ संगीता कुमारी में जो जज्बा है, वह किसी अन्य अधिकारियों में बहुत कम देखने को मिलता है. चाहे पोषण अभियान की बात करें या फिर गोदभराई व अन्नप्राशन जैसे आयोजनों की बात हो, सीडीपीओ संगीता कुमारी की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है. सीडीपीओ संगीता कुमारी अपने कार्यालय कर्मियों व आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका व सहायिकाओं से किसी भी मुद्दे पर खुलकर बात करती हैं, जिससे उनके परियाजना क्षेत्र में किसी भी अभियान के संचालन में परेशानी नहीं होती है. इनके कार्यकाल में परियोजना क्षेत्र में पोषण को लेकर पूर्व की अपेक्षा अधिक लोग जागरुक हुए हैं.
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