'नहीं रहे राजनीति के अजातशत्रु' पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन, राजनीतिक गलियारों में दौड़ी शोक की लहर..
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल’ में भर्ती कराया गया था. उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई. उनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं. लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे मुखर्जी सात बार सांसद रहे.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणव मुखर्जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी का निधन एक युग का अंत है. उन्होंने अपनी मेहनत से राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए. अपने निर्णय एवं कार्यों से देश को नई दिशा दी. वे संसदीय मामलों के विशेषज्ञ थे. विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने देश की सेवा की. उन्हें देशवासी हमेशा याद रखेंगे. ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति व परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना करता हूँ.
कांग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव अनिल त्रिवेदी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रणव मुखर्जी के पिता भी कांग्रेस पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी थे. वैसे परिवार में जन्मे प्रणव मुखर्जी के निधन से देश को भारी क्षति पहुंची है. प्रणब मुखर्जी जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख हुआ. वह प्रज्ञावान और कार्य क्षमता वाले थे. उनके परिवार, मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.
सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि हमने देश का एक रत्न खो दिया. प्रणव मुखर्जी एक वकील के साथ कॉलेज के प्राध्यापक भी रह चुके थे.पूर्व राष्ट्रपति के निधन के समाचार को सुनकर हृदय को गहरा आघात लगा है. देश के विकास में उनका (पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी) अतुलनीय योगदान रहा है. आजादी के बाद से ही लगातार केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर रहकर उन्होंने मां भारती और जनता की सेवा की है. मैं उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन ने अपने शोक संवेदना में कहा कि भारत के राजनैतिक-सामाजिक जीवन में उपजी इस शून्यता को भरना आसान नहीं होगा. उन्होंने इसे अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है.
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