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सम्पूर्ण टीकाकरण रखता है स्वस्थ एवं सुपोषित जीवन की नींव: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ..



- 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है टीकाकरण
- 10 नवंबर को मनाया जाता है विश्व टीकाकरण दिवस 
- सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सप्ताह में दो बार पड़ते हैं टीके

एक्सप्रेस न्यूज़ बक्सर: टीकाकरण का सीधा संबंध रोग प्रतिरोधक क्षमता से होता है. टीकाकरण द्वारा शिशु को प्रतिरक्षित या संक्रामक रोगों के प्रतिरोधी क्षमता को विकसित करने के लिए किया जाता है. टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाने में मदद करता है. टीकाकरण के फायदों को उजागर करने एवं जनमानस में जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 10 नवंबर को विश्व टीकाकरण दिवस का आयोजन किया जाता है.   
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक साल विश्व भर में 1.85 करोड़ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं. इन वंचित बच्चों में प्रतिरक्षित बच्चों की तुलना में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम जाती है. इसलिए बच्चों में सही समय से टीकाकरण जरूरी है। 
टीका से रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास: 
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजकिशोर सिंह ने बताया सम्पूर्ण टीकाकरण स्वस्थ एवं सुपोषित जीवन की नींव रखता है. टीकाकरण एक प्रकिया है जिसमें टीका के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है. इससे बच्चे में रोग प्रतोरोधक क्षमता का विकास होता है. टीकाकरण के कारण बच्चे में रोगों के संक्रमण में भी बचाव होता है. साथ ही समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है.
आरोग्य दिवस पर सप्ताह में दो दिन टीकाकरण:
डॉ. सिंह ने बताया जिले में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को आरोग्य दिवस यानि ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया जाता है. इस दौरान 5 साल तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण सारणी के अनुसार टीका लगाया जाता है. आशा, आंगनवाड़ी एवं एएनएम आरोग्य दिवस के सफ़ल संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. जिले के सभी आशा एवं एएनएम को टीकाकरण की महता पर नियमित उन्मुखीकरण भी किया जाता है. गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत आशाएं नियमित गृह भ्रमण करती हैं. वह नवजातों की देखभाल के साथ उनके परिजनों को टीकाकरण के विषय में भी जागरूक करती हैं 
जिले में यह है स्थिति:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार 12 से 23 महीने तक के ऐसे बच्चे जिन्हें बीसीजी, मीजल्स, पोलियो और डीपीटी की तीनों खुराक मिलती है, का प्रतिशत 63.9 है.  वहीं 12 से 23 महीने के 89.6 प्रतिशत बच्चों को बीसीजी के टीके पड़ते हैं. केवल 6.7 प्रतिशत बच्चों ने प्राइवेट अस्पतालों में टीका लगवाया है और 93.5 प्रतिशत बच्चे टीकाकरण के लिए पब्लिक हेल्थ फैसिलिटी का उपयोग करते हैं.
संक्रमण से बचाव के लिए अपनाएं कोविड अनुरूप आचरण:
कोरोना संक्रमण के दौर में टीकाकरण के समय कोविड अनुरूप आचरण अपनाकर संक्रमण के खतरे से बचा जा सकता है. टीकाकरण के लिए जाते समय मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी का पालन और स्वच्छता का ध्यान रखकर टीकाकरण का लाभ उठायें और संक्रमण से बचें.





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