- राज्य मुख्यालय को सौंपी जा चुकी है पूरी रिपोर्ट, वैक्सीन के लिए मांगी गई है अतिरिक्त डीप कोल्ड स्टोरेज सिस्टम
- टीके की मॉनिटरिंग के लिए सभी कोल्ड चेन स्टाफ को दिए गए स्मार्ट फोन
- इविन नेटवर्क की एप के जरिए की जाएगी टीके के स्टॉक की मॉनिटरिंग
एक्सप्रेस, न्यूज़ बक्सर: कोरोना काल में लोगों ने बहुत सी परेशानियों का सामना किया. कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक कर दिए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन बना ली जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. ताकि, वैक्सीन उपलब्ध होते ही उसे जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्टोर किया जा सके. इस क्रम में जिले के सभी प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज चेन सिस्टम को दुरुस्त करने में लगा हुआ है. इस काम के लिए जिला प्रतिरक्षण विभाग व यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) को जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही राज्य मुख्यालय से जिले में टीके के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कोल्ड चेन सिस्टम की जानकारी मांगी गयी है. कोई कमी रहने पर उसे पूरा करने को भी कहा गया है. इसके अलावा कोल्ड चेन सिस्टम में प्रबंधन व भंडारण के पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है.
मुख्यालय को सौंपी गई जिले में कोल्ड चेन सिस्टम की रिपोर्ट:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजकिशोर सिंह ने बताया राज्य प्रतिरक्षण विभाग की तरफ से जिले से टीके के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कोल्ड चेन सिस्टम की जानकारी मांगी गयी थी,जो भेजी जा चुकी है. विभाग के निर्देशानुसार कोल्ड स्टोरेज चेन सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है. साथ ही वैक्सीन को सुरक्षित रखने और इसे जिले के अलग-अलग अस्पतालों तक पहुंचाने की व्यवस्था के बारे में पूरी जानकारी विभाग को सौंपी जा चुकी है. जिसमें प्रखंडवार कोल्ड चेन की रिपोर्ट शामिल है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में कितने पंचायत हैं, कितने एएनएम कार्य कर रही, टीकाकरण जो कराये जा रहे हैं एवं उसमें कितने सेंटर बनाये गये हैं. इसके अलावा वैक्सीन हर जगह कैसे जायेगा, इसकी भी रिपोर्ट दी जा चुकी है.
मॉनिटरिंग के लिए उपलब्ध कराए गए हैं स्मार्ट फोन :
कोल्ड चेन मैनेजर मनीष कुमार सिन्हा ने बताया यूएनडीपी और स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन स्टोरेज सिस्टम को दुरुस्त करने में लगा हुआ है. इसके अलावा जिले के कोल्ड चेन स्टाफ को टीके की मॉनिटरिंग के लिए स्मार्ट फोन भी उपलब्ध कराया गया है. ताकि, वह इविन नेटवर्क की एप के जरिए टीके के स्टॉक को अपडेट करते रहें. इससे आरसीएचओ और कोल्ड चेन मैनेजर को इविन वेबसाइट पर वैक्सीन की करेंट स्टॉक की जानकारी मिल जाती है. साथ ही विकसित किए गए एडवांस एप से कहां कितनी वेक्सिन है, वेक्सिन का रख-रखाव कैसा हुआ है यह भी जीपीएस से स्वचालित तौर पर अपडेट होता है. इसकी रिपोर्ट भी जिला स्तरीय पदाधिकारी को नियमित तौर पर प्राप्त होती है. उन्होंने बताया कि कोल्ड चेन में टीके रखने के डीप फ्रीजर में थर्मामीटर लगे हुए हैं. ऐसे में फ्रीजर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है. फ्रीज का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा जाने पर मोबाइल से मैसेज व अलार्म बजने लगता है. जिसके बाद कर्मी उन्हें ठीक कर वैक्सीन को बचा लेते हैं.
जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं :
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया राज्य स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार तैयारी तो की जा रही है. वैक्सीन के लिए मुख्यालय से अतिरिक्त डीप कोल्ड स्टोरेज की मांग की गई है. लेकिन, जिले में वैक्सीन कब तक उपल्ब्ध होंगे इसकी कोई सूचना नहीं है. ऐसे में लोगों को सतर्क और सवाधान रहना होगा. जब तक दवाई नहीं आ जाती, तब तक किसी प्रकार की ढिलाई न बरते. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. संक्रमण से फायदा को रोकने के लिए लोगों को शारीरिक दूरी, मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए, ताकि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को कम किया जा सके.
संक्रमण से बचाव को इन व्यवहारों का पालन करें :
एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें. सार्वजनिक जगहों पर मास्क व फेस कवर पहनें. अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं. आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें. छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें. दूसरे लोगों से परस्पर उचित शारीरिक दूरी बनाकर रखें.
Comments
Post a Comment