एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: साबित खिदमत फाउंडेशन के निर्देशक डॉ. दिलशाद आलम के सहयोग से एक गर्भवती महिला को खून उपलब्ध कराई गई. बताते चलें कि एक प्राइवेट अस्पताल में महिला के इलाज के दौरान बहुत ज्यादा खून गिरने से उसकी हालत गंभीर हो गई थी. चिकित्सकों ने बताया कि महिला को खून चढ़ाना होगा. लॉक डाउन के इस विकट परिस्थिति में खून आखिर कहां से उपलब्ध कराया जाए. यह सोचकर महिला के घर वाले काफी परेशान थे. महिला के घर वाले अपने किसी परिचित के सहयोग से साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक से संपर्क किए. जिसके बाद साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक डॉ. दिलशाद आलम ने महिला के ब्लड ग्रुप को देखते हुए तत्काल खून की व्यवस्था कराई. कोरोना योद्धा का परिचय देते हुए डॉ. दिलशाद आलम के आग्रह पर शहर के प्रियेश कुमार और संतोष कुमार सिंह के द्वारा रक्तदान किया गया. दोनों लोगों के द्वारा रक्तदान करने के बाद गर्भवती महिला को खून प्रदान किया गया. जिसके बाद महिला अब खतरे से बाहर बताई जाती है. महिला के परिजनों ने साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक डॉ. दिलशाद आलम को हृदय से धन्यवाद दिया एवं उनके सहयोग से रक्तदान करने वाले दोनों लोगों को भी परिजनों ने काफी दुआएं एवं आशीर्वाद देने के साथ साथ उन्हें धन्यवाद कहा.
लॉक डाउन के दौरान साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक द्वारा रक्तदान करा कर काफी सराहनीय कार्य किया गया. इस बाबत डॉ. दिलशाद आलम ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को रक्तदान करना चाहिए. जिससे कि इस विकट परिस्थिति में गंभीर रूप से बीमार लोगों की जान बचाई जा सके. कई सामाजिक संस्थाएं लॉक डाउन के दौरान भी रक्तदान करा कर लोगों की जान बचाने की मुहिम छेड़ रखी है. आम जनमानस को भी गंभीर रूप से बीमार लोगों की जान बचाने हेतु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए. जिससे कि कोरोना संकट काल में रक्त के अभाव में किसी की जान ना जाए.
- इन्द्रकांत तिवारी की रिपोर्ट.
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