एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: लॉक डाउन के दौरान शुरू हुए माहे रमजान में अकीदतमंदों द्वारा अल्लाह की इबादत शुरू कर दी गई है. बक्सर में कई मुस्लिम धर्मावलंबी एक साथ दिन भर रोजा रख अल्लाह से कोरोना संकट से मुक्ति दिलाने की दुआ कर रहे हैं. सैकड़ों की तादाद में किशनगंज के अररिया के नेपाल के बॉर्डर के साहेबगंज के इलाके के गरीब युवक जो कि कृषि उत्पादन बनाने वाली एक संस्था में कार्य करते थे. जिनका लॉक डाउन के कारण काम बंद हो गया एवं लॉक डाउन के दौरान काम बंद होने के बाद संस्था में कार्यरत युवक अपने घर भी नहीं जा सके. यह सभी युवक बक्सर जिले के विभिन्न इलाकों में किराए के मकान में रहते हैं. इसी बीच रमजान का महीना शुरू होने के बाद रमजान के पाक महीने में अल्लाह की इबादत के लिए यह सभी युवक रोजा रखे हुए थे. हालांकि, लॉक डाउन के दौरान काम बंद हो जाने के कारण उनके पास इफ्तार तक के इंतजाम नहीं थे. जिसकी जानकारी मिलने पर साबित खिदमत फाउंडेशन के निर्देशक डॉ. दिलशाद आलम सचिव साबित रोहतासवी, निसार अहमद तथा उनकी टीम सभी अकीदतमंदो को इफ्तार के लिए सारे इंतजाम फाउंडेशन के तहत किए.
इस दौरान फाउंडेशन के सचिव साबित रोहतासवी ने कहा कि फाउंडेशन जरूरतमंदों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है. ऐसे में उन्होने अकीदतमंदों को माहे रमजान में मदद की. साथ ही साथ उन्होंने उनको पूरे लॉक डाउन के दौरान मदद का आश्वासन दिया और मदद की दूसरी खेप फाउंडेशन के तहत उन तक पहुंचाई गई. उन्होंने कहा कि, अल्लाह की इबादत में किसी प्रकार की कमी किसी को नहीं होने दी जाएगी. इसके अतिरिक्त जिन परिवारों को साबित खिदमत फाउंडेशन ने गोद लिया था उन्हें भी मदद पहुंचाई जाती रहेगी.
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