एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: कोरोना वायरस संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन जारी है. ऐसे में अगर किसी पीड़ित व्यक्ति को दवा की जरूरत हो और नजदीकी दवा दुकान पर दवा ना मिल पाए तो मरीज व उनके परिजनों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है.
ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आया है. जिस पर पहल करते हुए जरूरतमंद को घर तक दवा पहुँचाई गयी.
मामले की जानकारी देते हुए रेडक्रॉस सोसाइटी के वाइस चेयरमैन डॉ. शशांक शेखर ने बताया कि, फेसबुक पर उन्होंने एक पोस्ट देखा जिसमें लिखा था कि "मैं विशोकानंद, डुमरांव जदयू नगर प्रवक्ता हूं. राज्य में हमारी सरकार है लेकिन मैं बेबस और लाचार आदमी हूं. तमाम आला अधिकारियों एवं नेता मंत्री को फोन के माध्यम से अपनी दुखड़ा सुनाया है कि, मेरी पत्नी मानसिक रोगी है. जिसका इलाज कोईलवर मानसिक आरोग्यशाला में चल रहा है. दवा नहीं मिलने के कारण मेरी बीमार पत्नी को नींद नहीं आ रही है और कभी-कभी वह उल्टी भी करती है. दवा उपलब्ध कराने के लिए जहां तक संभव हो सका मैंने मदद मांगी थी लेकिन कोई भी मेरी मदद के लिए आगे नहीं आया. ऐसे में अब तो भगवान ही मालिक है."
फेसबुक पर विशोका नंद के पोस्ट को पढ़ने के बाद रेडक्रॉस सोसाइटी के वाइस चेयरमैन डॉ. शंशाक शेखर ने पहल करते हुए सोसाइटी से जुड़े अपने शुभचिंतकों को इस बात की सूचना दिया कि, विशोका नंद की मदद करनी चाहिए. ऐसे में समाजसेवी अजय मानसिंहका के द्वारा उनकी मदद के लिए हामी भरी गई एवं दो माह की दवा अपने व्यक्तिगत कोष से रेडक्रॉस सोसाइटी के वाइस चेयरमैन डॉ. शशांक शेखर एवं रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्य प्रमोद अग्रवाल को उपलब्ध कराई. दवा उपलब्ध होने के बाद रेड क्रॉस के वाइस चेयरमैन एवं सदस्य ने डुमरांव के एकौनी गांव में जाकर पीड़ित को दवा पहुंचाएं एवं लॉक डाउन की विकट परिस्थिति में पीड़ित परिवार को दवा उपलब्ध कराकर मानवता का परिचय दिया.
उन्होंने बताया कि, रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा आए दिन ऐसे पीड़ित परिवारों की मदद की जाती है. डॉ शशांक ने कहा कि, आगे भी इस तरह के पीड़ित परिवारों को मदद देने का कार्य रेड क्रॉस सोसाइटी के तरफ से किया जाता रहेगा.
- इन्द्रकांत तिवारी की रिपोर्ट.
- इन्द्रकांत तिवारी की रिपोर्ट.
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