एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: मां कितनी कठिनाइयों को सहकर 9 महीने तक अपने गर्भ में रखकर बच्चे को पालती है और लाख मजबूरियों को सहकर संतान को दुनिया में लाती है. परंतु, काफी विचारणीय यह है कि 9 महीने तक गर्भ में पालने के बाद जब वही मां बच्चे को दुनिया में आते ही खुद से अलग कर दे. ऐसा ही एक मामला बक्सर जिले के मुरार थाना क्षेत्र के अमसारी गांव के निकट नहर के पास देखने को तब मिला जब गांव के ही कुछ लोग बच्चे की रोने की आवाज सुन नहर की तरफ बढ़े. वहां का दृश्य देखकर ग्रामीण हतप्रभ रह गए. ग्रामीणों ने देखा की सूखी नहर में एक नवजात बच्ची रो रही है. जिसके बाद ग्रामीणों के द्वारा मुरार पुलिस को तत्काल सूचना दी गई. पुलिस ने बच्ची को तुरंत अपने कब्जे में लेते हुए चौगाई पीएचसी में भर्ती कराया. जहां चिकित्सकों द्वारा बच्चे की बेहतर इलाज के लिए मुरार पुलिस के मदद से एंबुलेंस द्वारा जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल भेज दिया गया. घटना के बाद गांव में तरह-तरह के चर्चे लोगों के द्वारा शुरू है. चर्चाओं के दौर में यह सुनने में आ रहा है कि किसी अविवाहित मां के द्वारा प्रतिष्ठा के ख्याल के डर से नवजात बच्चे को नहर में फेंक दिया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह कुछ लोग मॉर्निंग वॉक करने नहर पर गए थे. जहां ग्रामीणों की नजर अचानक नहर में पड़े नवजात बच्चे पर पड़ी. जिसके बाद ग्रामीणों के द्वारा मामले की जानकारी मुरार पुलिस को दी गई. इलाज के दौरान लोगों ने कहा कि यह तो महज एक संयोग है कि रात में किसी जंगली जानवरों ने बच्ची को नहीं देखा. जिससे कि जंगली जानवरों के प्रकोप से बच्ची बच गई. पुलिस के द्वारा मामले की सारी जानकारी चाइल्डलाइन के जिला इकाई को दे दी गई है. इलाज के दौरान बच्चे को गोद लेने की कई लोगों ने उत्सुकता भी जताई. परंतु, पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के मद्देनजर कुछ भी करने में असमर्थता दिखाई.
- इन्द्रकांत तिवारी.
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