एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: व्यवहार न्यायालय के एडीजे- 3 की अदालत में सोमवार को हत्याकांड मामले की सुनवाई की गई. इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायधीश धीरेंद्र बहादुर सिंह ने सत्येंद्र सिंह के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाया. जिसके पश्चात अभियुक्त को हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया. अपर लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह घटना 4 अक्टूबर 2018 को घटी थी. इस मुकदमे में खास बात यह रही कि, घटना 4 अक्टूबर को घटी थी और 5 अक्टूबर से ही अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है. उसी दौरान उसे आजीवन कारावास की सजा भी हो गई. हालांकि, अभियुक्त ने निचली अदालत से लेकर उच्च न्यायालय पटना तक जमानत के लिए गुहार लगाई थी. लेकिन, न्यायालय ने घटना की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त को जमानत नहीं दी. उन्होंने बताया कि लोधास गांव के सतेंद्र सिंह ने मछली मारने के विवाद में मंतोष सिंह को कुदाल से मारकर जख्मी कर दिया था. जिसके बाद मंतोष सिंह जमीन पर गिर पड़ा. इसी बीच अभियुक्त आनन-फानन में मिट्टी खोदकर मंतोष को दफनाने की कोशिश करने लगा. लेकिन, उसे दफनाने से पहले ही ग्रामीणों की नजर अभियुक्त पर पड़ गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों के सहयोग से इलाज के लिए मंटू सिंह को सदर अस्पताल बक्सर में भर्ती कराया गया. जहां से चिकित्सकों ने उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज हेतु वाराणसी रेफर कर दिया था. सदर अस्पताल से वाराणसी जाने के क्रम में बीच रास्ते में ही मंतोष सिंह की मृत्यु हो गई थी. मंतोष सिंह की मृत्यु हो जाने के पश्चात मृतक के पत्नी शांति देवी के द्वारा सत्येंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मामले में 8 लोगों की गवाही हुई. गवाहों की गवाही सुनने के पश्चात न्यायाधीश के द्वारा आरोपित को दोषी पाया गया था. न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को आजीवन कारावास के साथ ₹5000 का जुर्माना लगाया गया. वहीं, न्यायालय के द्वारा मृतक की पत्नी को 5 लाख की सहायता राशि देने का आदेश प्रतिकर सहायता कोष को दिया गया है.
बक्सर सेंट्रल जेल में एक बंदी ने प्रेमिका व मां बहन से मिलने के बाद गला काटकर जान देने का किया प्रयास..
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: सेंट्रल जेल में एक बंदी ने गला काटकर अपनी अहलीला समाप्त करने का प्रयास किया है. बंदी की प्रेमिका उसकी मां और बहन आज उससे मिलने के लिए केंद्रीय कारा में पहुंची थी. उनसे मिलने के बाद उसने धारदार हथियार से अपना गला काटकर जिंदगी समाप्त करने का प्रयास किया. जब वह जमीन पर गिर के छटपटाने लगा तो जेल के सुरक्षाकर्मियों ने उसे देखा और आननफानन में उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है. घायल कैदी दुष्कर्म के आरोप में पिछले सात महीने केंद्रीय कारा में बंद है. बंदी की पहचान सिकरौल थाना क्षेत्र के बड़कागांव के सत्यनारायण चौधरी के 27 वर्षीय पुत्र बिट्टू कुमार के रूप में हुई है. कारा के बंदी के द्वारा जेल के अंदर गला काट लेने के बाद जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर उस बंदी के पास धारदार हथियार कहा से आया जिससे उसने अपना गला काट लिया. बक्सर सदर अस्पताल के चिकित्सक संजय सिंह ने बताया कि बंदी के गले पर लगभग 5 से 6 इंच कटने का निशान है. उसके गले से काफी मात्रा में खून निकल रहा है. उसका इलाज किया जा रहा है. फिलहाल उसकी स्थिति सामान्य बनी हुई है.
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