करहंसी के पूर्व मुखिया के इकलौते पुत्र के हत्या मामले में फरार मुख्य अभियुक्त को को एसटीएफ की टीम ने दिल्ली से किया गिरफ्तार..
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: करहंसी के पूर्व मुखिया हत्याकांड का आरोपी कुख्यात बमबम यादव उर्फ अभिमन्यु दिल्ली से एसटीएफ की टीम के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है. बमबम बक्सर जिले के मित्रलोक कॉलोनी का रहने वाला है. वह पूर्व मुखिया पुत्र की हत्या में शामिल था. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद वह दिल्ली भाग गया और वहां एक हॉस्टल में छिप कर रह रहा था लेकिन, एटीएस की टीम के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को अंजाम देते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया. एटीएस की टीम के द्वारा यह गिरफ्तारी दिल्ली के साउथ केंपस स्थित एक हॉस्टल से की गई है.
गिरफ्तार अपराधी बक्सर के टॉप अपराधियों में शामिल है. गिरफ्तार अपराधी के विरुद्ध रंगदारी और हत्या के मामले दर्ज हैं. बीते दिसम्बर माह में ही उसने पूर्व मुखिया के इकलौते पुत्र की बक्सर के करहंसी में हत्या कर दी थी. इसके बाद वह फरार हो गया था. एडीजी अभियान सुशील खोपड़े ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
बता दें कि बमबम यादव उर्फ अभिमन्यु ने बीते वर्ष दिसम्बर में बक्सर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में करहंसी पंचायत के पूर्व मुखिया के पुत्र की चुनावी रंजिश में हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद वह गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली भाग गया था. बक्सर पुलिस ने बमबम की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ से सहयोग मांगा था. एसटीएफ की टीम उसकी टोह में लगी थी. इसी बीच दिल्ली के साउथ कैंपस स्थित एक हॉस्टल में उसके छुपे होने की सूचना एटीएस की टीम को प्राप्त हुई. बताया जा रहा है कि किसी परिचित ने उसे ठहरने की जगह मुहैया कराई थी. रविवार को एसटीएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की गिरफ्त में उसने कई राज उगले हैं. जिससे कि कई सफेदपोश बेनकाब होंगे पुलिस उसे बिहार लाने की तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि बाद में बक्सर पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ भी करेगी.
इसके पूर्व पुलिस ने हत्याकांड मामले में मूल रूप से यूपी के कोटवा नारायणपुर तथा वर्तमान में पांडेय पट्टी में रहने वाले मेही रजक का पुत्र अजय कुमार रजक (21 वर्ष) के साथ ही राजपुर के त्रिलोचनपुर के रहने वाले शेरू यादव (22 वर्ष) तथा मूल रूप से राजपुर के देवरिया के रहने वाले तथा वर्तमान में पांडेय पट्टी के निवासी कृष्णा कुमार उर्फ महाकाल (20 वर्ष) पिता शिवजी यादव को गिरफ्तार किया था. लेकिन, पुलिस को पूछताछ के आधार पर यह ज्ञात हुआ था कि बमबम इस घटना में बतौर मुख्य अभियुक्त शामिल था. जिसके बाद उसकी तलाश की जा रही थी.
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