एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: पूरे भारत में आज 72 वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. हर साल जनवरी की 26 तारीख को देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर देशवासियों का हर्षोल्लास देखने लायक होता है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरा भारत एक रंग में रंगा नजर आता है. हमारे इस गौरवशाली गणतंत्र का भी एक इतिहास है. बता दें कि बक्सर में भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूरे जिले में विभिन्न सरकारी संस्थानों एवं गैर सरकारी संस्थानों में झंडोत्तोलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें तमाम लोगों ने बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता दर्ज कराई.
गणतंत्र दिवस के अवसर पर बक्सर के किला मैदान में जिलाधिकारी अमन समीर ने झंडोत्तोलन किया साथ ही साथ झंडोत्तोलन के पश्चात डीएम ने पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हुए किला मैदान में वृक्षारोपण भी किया इस दौरान दर्जनों पौधे लगाए गए. झंडोत्तोलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ. देश को आजादी दिलाने में अनगिनत वीर सपूतों ने अपनी जानें न्यौछावर कीं. इस आजादी को बनाये रखने के लिये हम सभी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करें तथा सरकार द्वारा संचालित सभी जनकल्याणकारी योजनाओं से पात्रों को लाभांवित करें.
बताते चलें कि देश में संविधान की स्थापना दिवस के रूप में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. भारत में 26 जनवरी 1950 को ही देश का संविधान लागू हुआ था. इस दिन भारत में भारत सरकार अधिनियम (1935) को निरस्त कर नए सविंधान लागू करते हुए नए संविधान को पारित कर दिया था. उसी के बाद से हर साल 26 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है.
आपको बता दें कि सबसे पहले 26 जनवरी 1929 को लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में भारत को पूर्ण गणराज्य का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव पेश किया गया था. जिसे अंग्रेजों ने नामंजूर कर दिया था. इसके बाद 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने भारत को पूर्ण गणराज्य की घोषणा कर दी थी. संविधान निर्माण की शुरुआत 9 दिसंबर 1946 को हुई थी. जिसे बनने में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन लग गए. 26 नवंबर 1949 को संविधान को सभापति को सौंप दिया गया. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को इसे आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया गया. हमारा देश संविधान के मुताबिक ही चलता है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल जिले में विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में झंडोत्तोलन का कार्यक्रम व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर अलग-अलग संस्थानों की सांस्कृतिक झांकी निकलती है. जिसके जरिए यह बताने की कोशिश की जाती है कि विविधता में एकता ही भारत की पहचान है.
Comments
Post a Comment