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जिले में कोविड-19 टीकाकरण के लिए सख्त निगरानी में हुआ ड्राई रन..



-  जिले के तीन केन्द्रों का ड्राई रन के लिए किया गया है चयन.
- टीकाकरण में इस्तेमाल होने वाली तकनीक का किया जाएगा परिक्षण.
- ड्राई रन की पूरी प्रक्रिया की जिलाधिकारी कर रहे हैं निगरानी.
- जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल में बने केंद्र का किया निरीक्षण, व्यवस्था से दिखे संतुष्ट.


एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर:  आगामी दिनों में कोविड-19 के वैक्सीनेशन के लिए शुक्रवार को जिले में ड्राई रन (मॉक ड्रिल) का आयोजन किया गया है. ड्राई रन के लिए जिले में तीन केंद्रों का चयन किया गया था. जिसमें मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल, गोलंबर के समीप स्थित मां शिवरात्रि अस्पताल और डुमरांव प्रखंड के पुराना भोजपुर स्थित उर्दू विद्यालय में टीकाकरण सत्र का आयोजन किया गया. इस दौरान टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया का रिहर्शल किया गया. जिलाधिकारी अमन समीर स्वयं इस ड्राई रन की प्रक्रिया पर नजर रखे हुए थे. जिलाधिकारी में सदर अस्पताल में अयोजिय ड्राई रन की प्रक्रिया का निरीक्षण किया. जहां स्वास्थ्य समिति के द्वारा आयोजित इस ड्राई रन की व्यवस्था को देखकर काफी संतुष्ट रहे. उन्होंने सिविल सर्जन व जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट  राज्य मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया. ताकि, उसके अनुसार राज्य मुख्यालय टीकाकरण के दौरान आने वाली परेशानियों व बाधाओं की पहचान कर सके. 


25-25 लाभार्थियों को लगाया गया कोविड-19 का डमी टीका :
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर 25-25 लाभार्थियों को कोविड-19 का डमी टीका लगाया गया. इस दौरान निर्देशानुसार सभी टीकाकरण सत्र स्थल पर स्वास्थ्य कर्मी ड्रेस कोड में तैनात रहे. उन्होंने बताया पूर्वाभ्यास या ड्राई रन का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्वास्थ्य प्रणाली में कोविड-19 टीकाकरण को रोल-आउट करने के लिए निर्धारित तंत्रों के साथ परीक्षण करना, जिला या प्रखंड स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन और उसके संधारण के लिए को-विन पोर्टल के उपयोग व उसके परिचालन का आंकलन करना है. साथ ही, प्रक्रिया में आ रही परेशानियों व बाधाओं की पहचान कर उसे दूर किया जा सके.

अभ्यास के लिए 25 स्वास्थ्यकर्मियों का हुआ था चयन :
चयनित केंद्रों पर टीकाकरण अभ्यास के दौरान कक्ष में एक बार में एक ही व्यक्ति की एंट्री दी जा रही थी. ड्राइ रन में प्रत्येक केंद्र पर इनरॉल 25 स्वास्थ्यकर्मियों को चुना गया था. उन्हें एक मैसेज भेजा गया कि जिसमें उनके टीके के स्थान, वैक्सीन की कंपनी, दिन तथा एएनएम की जानकारी थी. तय समय पर पहुंचने पर तीन कमरों वाले वैक्सीनेशन सेंटर के पहले कमरे में उनके हाथ धोने की व्यवस्था थी. दूसरे में उनके पहचान पत्र का मिलान को-विन पोर्टल से किया गया. वहीं तीसरे कमरे में उन्हें टीके का पूर्वाभ्यास किया गया. टीका पड़ने के बाद आधे घंटे तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी गयी. पोर्टल पर डेटा को भरा गया ताकि फिर 28 दिन बाद उन्हें उसी कंपनी का टीका पड़ सके.

चुनाव बूथ की तर्ज पर बनाया गया था टीकाकरण कक्ष :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया ड्राई रन के दौरान टीकाकरण कक्ष को चुनाव बूथ के तर्ज पर बनाया गया था. जिसमें तीन कक्ष था. पहला कक्ष लाभार्थियों के टीका लेने के लिए प्रतिक्षालय, दूसरा कक्ष टीकाकरण के लिए एवं तीसरा कक्ष टीकाकरण के पश्चात 30 मिनट तक लाभार्थी के अवलोकन (अर्ब्जवेशन) के लिए. ड्राई रन के दौरान टीकाकरण से रिएक्शन होता है तो उससे निपटने के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गयी थी. इसके लिए हर टीकाकरण स्थान पर एडवरस इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन टीम तैनात थी. हर टीकाकरण सत्र पर एक एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी थी. ताकि, जो जरूरत पड़ने पर व्यक्ति को उपचार के लिए बड़े अस्पताल तक ले जाया जा सके.

को-विन पोर्टल के माध्यम से होगी निगरानी :
यूएनडीपी के वीसीसीएम मनीष कुमार सिन्हा ने बताया वैक्सीन कोल्ड चेन प्वाइंट पर वैक्सीन के स्टाक की मात्रा एवं भंडारण फ्रिजरियल टाइम तापमान की ऑनलाइन निगरानी ‘को-विन’ (विन ओवर कोविड) प्रोग्राम के अंतर्गत मोबाइल एप एवं बेब पोर्टल से की जाएगी. इसके लिए जिले में प्रत्येक कोल्ड चेन पर रखे आईएलआर में टेंपरेचर लागर नाम की एक सेंसर युक्त डिवाइस स्थापित है. यह डिवाइस नेट के माध्यम से वेब पोर्टल से जुड़ी रहेगी. यह पोर्टल पूरी तरह से कोरोना वैक्सीन के प्रबंध पर कार्य करेगा. को-विन पोर्टल से वैक्सीन और लॉजिस्टिक, सत्र स्थल, वैक्सीनेटर और लाभार्थी की सूचना मिलेगी. ‘को-विन’ पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर्ड लाभार्थी को वैक्सीनेशन की सूचना उनके मोबाइल पर मैसेज के जरिए प्राप्त होगी. जिसमें स्थान, समय, दिनांक, सत्र स्थल और कौन वैक्सीनेटर की जानकारी शामिल होगी.





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