मेहनतकशों के सम्मान में मानवाधिकार एवं समाजिक न्याय संस्था ने आयोजित किया सम्मान समारोह, मेहनतकशों को डॉ. दिलशाद आलम ने किया सम्मानित..
एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संस्था ने मजदूर दिवस पर मेहनतकश लोगो को सम्मानित कर श्रमिक दिवस मनाया. पिछली साल भी श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों को सम्मानित करने का कार्यक्रम चीनी मिल स्थित कार्यालय पर आयोजित किया गया था. आज आयोजित कार्यक्रम के दौरान परिचर्चा में डॉ दिलशाद आलम ने कहा कि देश को मजबूत बनाने के लिए हजारों हजार मेहनतकश लगातार मेहनत करते हैं. जिन्हें अवश्य ही हर किसी को सम्मान देना चाहिए. इन मेहनतकशों के बदौलत हीं भारत की तस्वीर तेजी से विश्व पटल पर बदल रहीं है.
उन्होंने बताया कि 1889 में समाजवादी समूहों और ट्रेड यूनियनों के एक अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने श्रमिकों के समर्थन में 1 मई को एक दिन के रूप में नामित किया था. शिकागो में हेमार्केट दंगा (1886) के पांच साल बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने श्रमिक दिवस की समाजवादी उत्पत्ति से असहज ग्रोवर क्लीवलैंड ने श्रमिक दिवस (जो पहले से ही कुछ राज्यों में सितंबर के पहले सोमवार को मनाया जाता था) को श्रमिकों के सम्मान में आधिकारिक अमेरिकी अवकाश बनाने के लिए कानून पर हस्ताक्षर किए. कुछ ही समय बाद कनाडा ने भी इसका अनुसरण किया. भारत मे सर्व प्रथम चेन्नई में 1 मई 1923 से मजदूर दिवस मनाया जाना शुरु किया गया. दो जून की रोटी के लिए लाखों लोग पूरी दुनिया में कार्य कर रहे हैं. ऐसे में इनके लिए एक दिन तो होना ही चाहिए।उन्होंने बताया कि पिछले साल भी मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संस्था ने लगभग 50 लोगों को सम्मानित किया था.
आज के आयोजित सम्मान समारोह के दौरान मौक़े पर कपिल मुनि शर्मा, हरेंद्र यादव, अंकित, अभिज्ञान, विवेक,रुकसाना, अंजलि, आदित्य शर्मा, अरमान, नासीर, मनीष एवं संस्था के सभी सदस्य मौजूद रहे.
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