विडियो: बिहार के शिक्षा मंत्री पहुंचे बक्सर पत्रकारों से हुए रूबरू, शिक्षकों के नियुक्ति से संबंधित बड़े सवालों का दिए जवाब..
- बिहार में छठे चरण के शिक्षकों की नियुक्ति का चल रहा है दौर.
- छठवें चरण के नियुक्ति खत्म होते ही शुरू होगी 7 वें चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया.
एक्सप्रेस न्यूज़ बक्सर: बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी शनिवार को तकरीबन 12:30 बजे बक्सर पहुंचे. वह ट्रेन के माध्यम से बक्सर आए और यहां पर उनके अगवानी में जदयू के जिलाध्यक्ष समय कई स्थानीय नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.
जहां उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षकों के नियुक्ति का दौर लंबा चलेगा. अभी तो छठे चरण की नियुक्ति चल रही है और कहीं कहीं पर शिकायत के बाद जांच चल रही है. यहां पर छठे चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. वहां पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. जब छठे चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो फिर सातवें चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सवा लाख से ऊपर शिक्षकों की नियुक्ति करनी है जिसमें 42000 से अधिक लोगों का चयन किया जा चुका है. जिन्हें पिछले 4 दिनों से नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. शिक्षकों के नियुक्ति पत्र मिलने से महिलाओं में काफी उत्साह है. जो महिला शिक्षिकाएं नियुक्त की गई है. वह आज ही योगदान करने जा रही हैं. महिला शिक्षिकाओं का उत्साहित होना लाजमी है. क्योंकि, लंबे इंतजार के बाद उनको नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ है.
उन्होंने कहा कि सरकार को और शिक्षा विभाग को यह कतई अच्छा नहीं लग रहा था कि हमारे अभ्यर्थी जो एसटीइटी एवं टीईटी पास थे. वह भी बेरोजगार थे और रोजगार के अभाव में इधर-उधर भटक रहे थे. जबकि, विद्यालयों में शिक्षकों की काफी रिक्तिया थी. जिसके कारण पढ़ाई बाधित हो रहा था और इधर नौजवान बेरोजगार थे. इसलिए हम लोगों ने सारे मामलों में सक्रियता से न्यायालय से इजाजत लिए क्योंकि नियुक्तियों में विलंब होने के पीछे कारण यही था कि नियुक्ति का मामला न्यायालय में उलझ कर रह गया था. पिछले तकरीबन तीन चार पांच वर्षों से मामला न्यायालय में लंबित चल रहा था. हम लोगों ने उसमें सक्रियता से न्यायालय के समक्ष मांग रखा की. आप जो भी शर्त रखते हैं. वह सब हम लोग मानने के लिए तैयार हैं. लेकिन, हमें शिक्षकों की नियुक्ति हर हाल में करनी है. क्योंकि, लोग पात्रता परीक्षा पास करके बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. नौजवान योग्य अभ्यर्थी बेरोजगारी के कारण काफी परेशान चल रहे थे. इसलिए शिक्षा विभाग की सक्रियता के कारण आज हम लोग सफल हो पाए हैं. आज इस बात की खुशी है कि जो मामला वर्षों से पेंच में फंसा हुआ था. न्यायालय में लंबित पड़ा हुआ था. उसको सुलझा कर नौजवानों को रोजगार मिला. महिलाओं को रोजगार मिला लगभग 42000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है और उन लोगों को सबको यह कहा गया है कि आप को नियुक्ति पत्र मिले आप चाहिए तो तत्काल योगदान कर सकते हैं.
पूर्व की नियुक्तियों में सर्टिफिकेट को लेकर गड़बड़ी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका दो पहलू है एक तो हम समझते हैं कि इसका गवाही आप ही लोग देंगे कि पिछले बार याद होगा जिस समय से नियुक्ति हुई उसी समय से भ्रष्टाचार की शिकायत एवं गड़बड़ियों की शिकायत आनी शुरू हो गई थी. पिछले 6 महीने से प्रक्रियाओं को पूरी करके नियुक्ति पत्र दे दिया गया है. हमारे शिक्षक लोग योगदान कर रहे हैं. कहीं से कोई भ्रष्टाचार नियुक्ति में किसी भी प्रकार की पैसे की लेनदेन की बात सामने नहीं आई है. पिछले नियुक्ति में जो भी गड़बड़ी हुई है. उसकी जांच निगरानी विभाग के द्वारा की जा रही है. निगरानी विभाग यह जांच उच्च न्यायालय के निर्देश पर कर रहा है. जिसमें 90000 से ऊपर मामले की जांच चल रही है. उनकी नियुक्तियां जो नियोजन इकाइयों के द्वारा की गई थी. ग्राम पंचायत में प्रखंड में या जिला स्तर पर उससे संबंधित फोल्डर यानी कागजात नहीं मिल रहे हैं. इसके कारण उनकी नियुक्ति की जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.
उन्होंने कहा कि हम लोगों ने विभाग के माध्यम से न्यायालय को कहा था कि पिछले नियुक्ति में जो भी नियुक्तियां हुई थी. उनमें उनके प्रशिक्षण के कागजात कि जब जांच की जानी शुरू की गई तो उनके प्रशिक्षण के कागजात कोई केरल कोई आंध्रप्रदेश कोई कश्मीर आदि जगहों के थे. जहां पर पत्राचार करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिलता है. इसी के कारण पिछले नियुक्ति के जांच में विलंब हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमने न्यायालय को भी विभाग के माध्यम से सारी स्थितियों से अवगत करा दिया है और उनसे दिशा निर्देश मांगा है. कि इस परिस्थिति में विभाग की तरफ से आखिर क्या निर्णय लिया जाए. उन्होंने कहा कि पिछले नियुक्ति के गड़बड़ी के मामलों में जिनके प्रशिक्षण से संबंधित कागजातों में त्रुटि पाई गई है. वह ना ही संस्थान बता रहे हैं,ना ही संबंधित दस्तावेज भी उपलब्ध करा पा रहे हैं. जिसके कारण उसका सत्यापन नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने कहा कि पूर्व की नियुक्ति में गड़बड़ी हुई थी जितने लोग गड़बड़ पाए गए थे. उन्हें निकाला भी जा चुका है. गड़बड़ी हुई थी इसीलिए यह बातें हो रही है और अमूमन जो सामान्य समझदारी है. उसके हिसाब से आपके प्रशिक्षण से संबंधित प्रमाण पत्र के जांच नहीं हो पा रही हैं. यह भी संदेह उत्पन्न करता है और यही कारण है कि सिर्फ संदेह के आधार पर किसी पर कार्रवाई भी नहीं किया जा सकता है. क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय सभी चीजों का मॉनिटरिंग कर रहा है. हमने उच्च न्यायालय को सारी वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया है. अब उनका जो भी फैसला होगा. उसी के आधार पर विभाग की तरफ से निर्णय लिया जाएगा.
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