एक्सप्रेस न्यूज़, बक्सर: रंगों का त्योहार होली को लेकर बक्सर में लोगों के बीच गजब का उत्साह है. होली त्योहार की शुरुआत होलिका दहन से होती है. होलिका दहन मड़वाड़ी समाज के द्वारा आजा मनाया जा रहा है. होली के एक दिन पूर्व होलिका दहन के लिए शहर के बच्चों एवं युवाओं के द्वारा चौक-चौराहों पर लकड़ी और गोयठा का ढेर जमा किया जाता है. उसे जला कर होलिका दहन की रश्म को पूरा किया जाता है. वहीं मारवाड़ी समाज में होलिका दहन का विशेष महत्त्व है. यहां पूरे विधि विधान के साथ होलिका दहन किया जाता है. मारवाड़ी समाज द्वारा यहां होलिका दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इसके लिए महिलाएं गोबर की बड़कुला और होलिका तैयार करती हैं. महिलाओं के द्वारा तैयार बड़कुला व होलिका को जमा किया जाता है और पूरे विधि विधान के साथ होलिका दहन किया जाता है. मारवाड़ी समाज में होलिका दहन को नव विवाहित महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है. पूरे विधि-विधान के साथ होलिका दहन की जाती है.
इस संदर्भ में श्याम अग्रवाल ने बताया कि बक्सर में आज अग्रवाल समाज के द्वारा होलिका देवी का पूजन अर्चन की तैयारी शुरू कर दी गई है. बता दें कि होलिका दहन पूजन के माध्यम से पूरे समाज एवं क्षेत्र के सुख समृद्धि और विकास की कामना अग्रवाल समाज की महिलाएं एवं पुरुष करते हैं. इस बाबत जानकारी देते हुए लक्ष्मी अग्रवाल ने बताया कि होलिका दहन के दिन विधिवत पंडित जी के द्वारा पूजन अर्चन की जाती है एवं होलिका दहन के दिन सभी लोग अपने घरों लकड़ी उपला आदि लेकर पहुंचते हैं एवं एक जगह एकजुट होकर होलिका देवी की पूजा हेतु तैयारियां करते हैं. उन्होंने बताया कि आज ही के दिन होलिका जी का दहन हुआ था. उसी दिन से लेकर आज तक यह परंपरा लगातार अनवरत चलती आ रही है.
उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वजों के द्वारा भी होलिका जी की पूजन अर्चन की जाती रही है. जो आज भी हम सभी करते हैं. उन्होंने बताया कि शाम के वक्त मारवाड़ी समाज के सभी लोग अपने अपने घर से पूरी हलवा आदि बनाकर लाते हैं एवं जहां पर होलिका जलाई जाती है. वहां अग्नि में उसे प्रवाहित करते हैं एवं विधिवत पंडित जी के द्वारा पूजन अर्चन के पश्चात तीन बार अग्नि की परिक्रमा के पश्चात थोड़ी सी अग्नि जो होलिका दहन के दिन जलती है उसे घर पर भी ले जाते हैं एवं उसी पर नारियल व पापड़ सेंककर खाने की परंपरा चली आ रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह से पूजन अर्चन करने से घर में सुख समृद्धि आती है.
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